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Jan 28, 2012

अब बस .... इंतज़ार होगा ?





अब बस ...इंतजार  होगा .....तेरा  ही इंतजार  होगा !!
अब मेरे दिल मे किसके घर आने का इंतज़ार होगा ?


अब किसके दिन भर के सवाल , जवाब पूछेंगे मुझे ,
अब किसकी आँखों मे अपना अक्स देखूँगी मैं उम्र-भर ,
किसकी खुली आँखों को मेरे हाथों का अब इंतजार होगा ,
अब मेरे दिल मे किसके घर आने का इंतज़ार होगा ?

अब सुबह किसके सपनो से जगाएँगी मुझे ,
अब रातें किसकी करवटों से जागेंगी उम्र-भर ,
आँखों के बहते आंसुओ को किसके हाथों का अब इंतजार होगा ,
अब मेरे दिल मे किसके घर आने का इंतज़ार होगा ?


अब किस के कांधे पर सुकून से नींद आएगी मुझे ,
अब किस से मांगूंगी , फूलों की किस्तें मैं उम्र-भर ,
बिखरे इन बालों को किसके सहलाने का अब इंतजार होगा
अब मेरे दिल मे किसके घर आने का इंतज़ार होगा ?

  अब किसको हँसता देखकर सांसे आएँगी मुझे ,
अब किस से करुँगी उसी की शिकायतें मैं उम्र-भर ,
मेरे बचपने पर अब किसके "ख्याल रखने" का मुझे इंतजार होगा ,
अब मेरे दिल मे किसके घर आने का इंतज़ार होगा ?


- Anjali Maahil 


Jan 19, 2012

हमसफ़र

वो जो मासूम है ज्यादा मुझसे ,
वो जो हमसफ़र है मेरा ,
" कोई बंधन नही , फिर  हमसफ़र  क्यूँ हूँ ? "
अक्सर पूछता है इस बात को कुछ यूँ कह कर-
" तेरा कौन हूँ मैं ? "


माना तेरे जिन्दगी का दीया हूँ मैं ,
जो जलकर -बुझकर भी , उम्र-भर रौशनी दे नहीं दे सकता ।
माना खुशबू कि तरहा महकता भी हूँ ,
बिखरकर तुझमे  जो उम्र-भर संग रह नही सकता।
अक्सर पूछता है ......." तेरा कौन हूँ मैं ? "


माना तेरे सहारे कि दीवार हूँ मैं ,
जो दरार के उस पार भी अधूरी हैं और उस पार भी ।
माना तेरी कहानी का नायक हूँ मैं ,
जो अस्तित्व में तो है परन्तु एक शून्य कि भांति ।
अक्सर पूछता है ......." तेरा कौन हूँ मैं ? "


माना तेरे अंतर्मन से उठते हुए सवालों का जवाब हूँ मैं ,
जो स्वयम सफल-असफल समाधानों के दवंद में उलझा है,
माना तेरी जिन्दगी के सफ़र का दिशा-सूचक हूँ मैं ,
जो थमी पवन में खुद भी निर्णय ले नहीं पाता ।
अक्सर पूछता है ....... " तेरा कौन हूँ मैं ? "

-ANJALI MAAHIL 

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