अँग्रेजी साल अपने अंतिम पड़ाव
पर है, तो सोच रही हूँ कुछ हिसाब किताब समेत लूँ...जान
लूँ कि कितना खोया ऑर कितना पाया ..... साल की शुरुआत कुछ खास नही थी ...आते-आते या
कहूँ साल के मध्य मे एक सबसे मजबूत बंधन टूट गया, उम्र का एक
बड़ा हिस्सा बिताया था जिन के साथ , अब वो लोग बहुत दूर हो गए थे... कुछ उन्होने
साथ छोड़ा ऑर कुछ मैंने वापसी के दरवाजे बंद कर दिए, मगर अहसास, वो तो जाता नही न कभी भी.....लंबे वक़्त तक लगा सपने मे हूँ ...मगर धीरे-धीरे सपने से
सच्चाई का आभास भी हो गया...!
“ बिछड़ जाते हैं अपने तूफानो के
डर से ,
हमने तो वजूद अपना अब तक संभाल
रखा है... “
अपनी इंही पंक्तियों मे खुद को
समेटकर आगे बढ़ी, तो फिर लगा कि कुछ ऑर भी है
जो, अब कहीं अटकने लगा है .... अब इतना भ्रम था कि आज तक समझ
नहीं आता कि वो बंधन अस्तित्व मे है या वो भी कहीं छूट गया.... इस पूरे होने वाले साल
मे कुछ लोग ऐसे भी थे जो हमेशा साथ रहे मेरे ... अच्छे ऑर बुरे दोनों वक़्त मे ... अब
हिसाब लगा रही हूँ तो समझ आता है कि रिश्ते .... लंबे वक़्त साथ नही देते .... साथ तो
बस अनुभव रहता है , आपके आखिरी पड़ाव तक..., साथ आपकी हिम्मत रहती है ...ज़िंदगी कि आखिरी जंग तक !
कविताएं लिखने का अब दिल नही करता
...जाने क्यूँ ....?शायद अब नए पन्ने
पर कुछ नया लिखने का मन है .... अब ये न पूछिएगा कि क्या ?
ये तो अभी मेरे भी दिमाग मे नहीं
है फिलहाल.... मगर जैसे ही मुझे पता चलेगा ,आपको भी खबर हो ही जाएगी .... फिर ज़िंदगी मे बेहद उतार-चढ़ाव चल रहे हैं, आने वाला वक़्त तमाशे का दौर है...कुछ आप देखिएगा...कुछ हम दिखाएंगे .... चलते चलते कुछ लिख जाते हैं .... कुछ पंक्तियाँ लिखी थी .. तो सोचा बाँट ली जाएँ :-
“ हर एक गुनहगार लगता है , हर एक मददगार लगता है,
इस काफिरों की दुनिया मे हर कोई
मिलनसार लगता है !
बेंच देते हैं रूह जिंदा इंसानियत
की यहाँ , देखो! कि
मिलता है मोल, अहसास का हर, खुला बाज़ार
लगता है !
लड़ते हैं हम हर रोज जंग, अपनों के सामने, अपनों
के लिए,
बनाकर नफरत की दुनिया,यहाँ हर कोई सिपहसालार लगता है !
बदल लेते हैं रोज चेहरे पे चेहरे, एक नये लिबास की तरहा ,
कि बदहवासों के शहर में , हर कोई कलाकार लगता है !!
अरे ! जो कहना था वो तो भूल ही गयी
..... कहना था “शुक्रिया “
आज का शुक्रिया उन लोगों के लिए हैं, जिन्होने मेरी नाकामयाब ज़िंदगी
को कुछ वक़्त मेरे साथ बांटा, बांट रहे हैं...ऑर कुछ लोग आगे आने वाले वक़्त मे बांटेंगे...
-anjali maahil