गर्त में गिर पड़े ....कह रहे हैं "गर्त से हमे उठाना नही.!"
चल रहे हैं टेढ़े-मेढ़े..."चलना हमे आता नही..!"
यही बिनती अब मेरी उनको -
"तब सीख पहले,.. फिर चलना, उसके बाद तू ...!"
"तब सीख पहले,.. फिर चलना, उसके बाद तू ...!"
थाम हाथ ज्ञान का ..और लक्ष्य को फिर साध तू ,
कर्म कर..कर्म कर.. कर्म कर..
फल की आशा न पहले राख(रख) तू ,
कर बुलंद हौंसले..जो बन सके 'पहचान' तू ,
बोल फिर 'तम' और 'ज्योति' से -
"अब गुर्जर हूँ मैं ..मुखर हूँ ..प्रखर हूँ ..और हूँ सभ्य भी ..!"
"अब गुर्जर हूँ मैं ..मुखर हूँ ..प्रखर हूँ ..और हूँ सभ्य भी ..!"
मैं अब आगाज हूँ ....अब विकास हूँ |
मशाल(गुर्जर) हूँ मैं अब .....तो घर जलाने के काम नही आती
राह हूँ मैं जो अब .....तो भटकाने के भी काम नही आती
मैं अब जो पहरी हूँ .....अपने राज्य का ....
रक्षक हूँ मैं ....जो नही तो भक्षक नही
'प्रेम ही रहा' .....करम और धर्म मेरा
मैं जो खुद के लिए कुछ नही , तो
बस कमजोर की इक आवाज़ हूँ
हूँ तो बस ......
इक जुगनू(माहिल) हूँ मैं ......और वो भी अपने वजूद(गुर्जर) का ......
जो लड़ रहा है ....और कह रहा है अंधकार से-
" कुछ ही हिस्सा सही ...मुझसे रोशन तो है...!"
कहती हूँ बस यही इक बात सम्मान से -
"अब गुर्जर हूँ मैं ..मुखर हूँ ..प्रखर हूँ ..और हूँ सभ्य भी ..!"
बहुत खूब अंजलि,
ReplyDeleteतुमसे जो उम्मीदें थीं उनसे भी बेहतर. मुझे अफ़सोस कभी कभी होता है जब देखता हूँ कि हमारे समाज मे जो किताबी तौर पर शिक्षित तो हैं पर विचारों से शिक्षित नहीं. मुझे अपने ब्लॉग पर भी एक आध ऐसे भाइयों से मिलना होता रहता है, कोशिश करता हूँ कि उनको अपना point of view समझा सकूँ पर जबरदस्ती किसी पर हम अपने विचार थोप भी नहीं सकते ना..!! आप बहुत अच्छा काम कर रही हैं, मुझे तो ऊपर वाले ने कविता लिखने का हुनर दिया ही नहीं. मै सच में चाहता था कि गुर्जरों पर भी कविता लिखी जाये और तुमने ये बहुत सुंदर अंदाज़ में कर भी दिखाया. बहुत शुभकामनायें..!!
बहुत-बहुत धन्यवाद sheel भईया ,
ReplyDeleteअपने जो कहा ,सही कहा की "हम अभी विचारों से शिक्षित नही" ,किताबो के शब्द ही सम्पूर्ण ज्ञान नही होता है |
बस आप इसी तरह मेरा मार्ग दर्शन करते रहिएगा .
धन्यवाद|
great words.... really inspiring......good job anjali ji... :-)
ReplyDeletewell done anjali.. u r such a real morden gurjar grl.. ur society need ur kind of person who show them right way.. nd ya sachin pilot is not just a gurjar youth icon he is a national icon nd hero..we all proud of him..!!
ReplyDeletebahut sundar......keep it up...
ReplyDeleteBhut hi acchi poem hai.. Anjali ji...
ReplyDeleteJo words aapne use kiye hai... vo bhut acche lage mujhe...
thanks for sharing ur blog..
Thank you all for supporting me(Vikas , Dharam manav ji & suman ).
ReplyDeleteकहती हूँ बस यही इक बात सम्मान से -
ReplyDelete"अब गुर्जर हूँ मैं ..मुखर हूँ ..प्रखर हूँ ..और हूँ सभ्य भी ..!"
सुन्दर शब्दों से अपने भावों को अभिव्यक्त करती खूबसूरत रचना |
कविता का बिल्कुल ही नया रूप और नया अंदाज. बधाई...
ReplyDeleteAnjali Mahil really great i want to say you thank from my heart. you are great
ReplyDeleteye bhot jaruri h k hamare smaj ko jagaya jaye taki vo age bd sake smjh ske k uske purvajo ne desh k liy kya kia h or hum ab kya kr rhe h isliy jaruri h unhe jagruk krna or ak shi disha dena jo kitabi gyan se upr ho
ReplyDeletegood job done ANJALI
really good saying ......
ReplyDeleteबहूत बढ़िया बहिन
ReplyDeleteबहूत बढ़िया बहिन
ReplyDeleteShaandar.... Usesing the words in every step beautifully..... We r proud at you
ReplyDeleteShaandar.... Usesing the words in every step beautifully..... We r proud at you
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteबहुत खूब अंजलि। ।
ReplyDelete"अब गुर्जर हूँ मैं ..मुखर हूँ ..प्रखर हूँ ..और हूँ सभ्य भी ..!"