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Nov 12, 2010

आखिरी सलाम


उसे मेरा नाम याद आता होगा...? 
उसे वो मेरा आखिरी सलाम याद आता होगा....?

मुझे जाने क्यूँ अब तकलीफे डर नही देती....?
शायद ये दर्द भी अब सीने से जाता रहा होगा....?

मुझे खुद मे उसे देखने  का जूनून कुछ  इस कदर था
की मैं उसी मे अपना हर अक्स लुटाता रहा 
लोग मेरी तकलीफों पे मुस्कुराते रहे 
और मैं भी उनके इस करम पर मुस्कुराता रहा ...



उसे अपनी नादानी पे कुछ तो रहम आता होगा ...?
वो गुजरा हुआ पल कभी तो याद  
आता होगा....?

टिकता नही कुछ भी अब जिन्दगी मे मेरी 
जो सहारा आखिरी था.. वो भी अब जाता रहा 
अब तो अपनी ही ख़ामोशी रास नही आती मुझको 
चाहतों मे सब पा ही लूँगा ये भरम भी अब जाता रहा 



ये जो मेरी खुशियों .... का वक़्त  था अब हाथ ....  से जाता रहा

वो मेरी हर बात  पर खफा  हो जाने लगे 
बस  मैं ही एक  ...अपनी खता  पर मुस्कुराता रहा....




1 comment:

  1. nice blog and it is nice to see and read some very romantic and touching poetry in hindi....very nice...

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