तेरे मिलकर चले जाने के बाद
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे
शायद हद से ज्यादा ही छुट गया है पास तेरे
और मेरे पास रख गये
अधूरे हालात , अधूरे अहसास , अधूरे सपने ,
और
अब कुछ सोच नही पाता ,
तुझसे ज्यादा कुछ याद नही ,
अब कुछ लिख नही पाता ,
तेरे नाम से ज्यादा कुछ याद नही
जानता हूँ तो बस इतना ,
कि बदला है "बहुत"-"कुछ" ,
पर सही -सही कितना ,
"बहुत -कुछ" से ज्यादा याद नही |
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे
शायद हद से ज्यादा ही छुट गया है पास तेरे
और मेरे पास रख गये
अधूरे हालात , अधूरे अहसास , अधूरे सपने ,
और
एक अधूरा मैं |
अब कुछ सोच नही पाता ,
तुझसे ज्यादा कुछ याद नही ,
अब कुछ लिख नही पाता ,
तेरे नाम से ज्यादा कुछ याद नही
जानता हूँ तो बस इतना ,
कि बदला है "बहुत"-"कुछ" ,
पर सही -सही कितना ,
"बहुत -कुछ" से ज्यादा याद नही |
तेरे मिलकर चले जाने के बाद ,
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे |
चलते चलते ठहरा रहा ...मैं ,फिर
अब कुछ कह नही पाता ,
तुझसे जुदा पास मेरे कोई बात नही ,
तनहा - तनहा से दिन मेरे हुए ,
और रात फिर बिन तेरे उदास रही ,
होंठ फिर एक बार हिले और बात न हुई ,
तेरे मिलकर चले जाने के बाद ,
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे |
अब जो गुजरता है वक़्त पिछला ,
अक्सर निगाहों में ,
आता है याद , हसीं में तेरा ,
नज़र को झुका लेना ,
टकराकर निगाहों को निगाहों से फिर लेना ,
BY: Anjali Maahil
अक्सर निगाहों में ,
आता है याद , हसीं में तेरा ,
नज़र को झुका लेना ,
टकराकर निगाहों को निगाहों से फिर लेना ,
तेरे मिलकर चले जाने के बाद ,
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे |
BY: Anjali Maahil
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने.लगता है जैसे खामोशी को जुबां दे दी हो.
ReplyDeleteतेरे मिलकर चले जाने के बाद, बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे....।
ReplyDeleteबेहतरीन रचना।
अच्छे भाव के साथ लिखी सार्थक रचना।
शुभकामनाएं आपको।
मुझे फालो करने के लिए आपका आभार।
bahut sundar rachna....
ReplyDeletebehtarin..badhayee
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