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Mar 27, 2011

एक अधूरा मैं...|

तेरे मिलकर चले जाने के बाद
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे
शायद हद से ज्यादा ही छुट गया है पास तेरे
और मेरे पास रख गये
अधूरे हालात , अधूरे अहसास , अधूरे सपने ,
और
एक अधूरा मैं |

अब कुछ सोच नही पाता ,
तुझसे ज्यादा कुछ याद नही ,
अब कुछ लिख नही पाता ,
तेरे नाम से ज्यादा कुछ याद नही

जानता हूँ तो बस इतना ,
कि बदला है "बहुत"-"कुछ" ,
पर सही -सही कितना ,
"बहुत -कुछ" से ज्यादा याद नही |

तेरे मिलकर चले जाने के बाद ,
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे |


अब  कुछ  कह  नही पाता ,
तुझसे जुदा पास मेरे कोई बात नही ,
तनहा - तनहा से दिन मेरे हुए ,
और रात फिर बिन तेरे उदास रही ,

होंठ फिर एक बार हिले और बात न हुई ,
चलते चलते ठहरा रहा ...मैं ,फिर 

तेरे मिलकर चले जाने के बाद ,
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे |


अब जो गुजरता है वक़्त पिछला ,
अक्सर निगाहों में ,
आता है याद , हसीं में तेरा ,
नज़र को झुका लेना ,
टकराकर निगाहों को निगाहों से फिर लेना ,

तेरे मिलकर चले जाने के बाद ,
बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे |

BY: Anjali Maahil


4 comments:

  1. बहुत ही अच्छा लिखा है आपने.लगता है जैसे खामोशी को जुबां दे दी हो.

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  2. तेरे मिलकर चले जाने के बाद, बहुत खालीपन महसूस होता है मुझे....।
    बेहतरीन रचना।
    अच्‍छे भाव के साथ लिखी सार्थक रचना।
    शुभकामनाएं आपको।
    मुझे फालो करने के लिए आपका आभार।

    ReplyDelete

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