अहसास नही होता ,
शायद वो सच ही कहते होंगे !
मुझे अब सूरज की किरण से ,
तपिश नही मिलती ,
चाँद की चांदनी से ये दिल ,
अब ठंडा नही होता !
वो जो कहते हैं मुझे ..........
मुझे अब अपनों के सायों में ,
अपनापन नही मिलता ,
जगमगाती शहरों की रातों में ,
खुशबू खवाबों की नही मिलती !
वो जो कहते हैं मुझे .........
दर्द बदन के हर हिस्से में ,
बिखरा है , मुझे और ,
लकीर ख़ुशी की ,
वो जो कहते हैं मुझे ..........
भीड़ में सन्नाटा सा पसरा है ,
धुल (झूट) का है गुबार भी इस पर ,
नजर दूर तक तो जाती है मेरी ,
मगर तस्वीर "पहचान" की ,
एक भी नही मिलती !
वो जो कहते हैं मुझे ..........
छु जो जाती हूँ दरिया ,
तो हाथ मेरा ही जलता है ,
तभी आग से खुद को ,
जलने की जरुरत नही मिलती !
वो जो कहते हैं मुझे ..........
मुझे अब कागज - से फूलों में ,
खुशबु नही मिलती ,
शायद वो सच ही कहते होंगे !!! "
By : Anjali Maahil
दर्द बदन के हर हिस्से में ,
ReplyDeleteबिखरा है , मुझे और ,
लकीर ख़ुशी की ,
मेरे हाथों में नही मिलती !
वो जो कहते हैं मुझे ..........
वाह! बहुत शानदार शब्द दिए हैं आपने अपने एहसासों को.
बेहद खूबसूरत कविता.
सादर
भीड़ में सन्नाटा सा पसरा है ,
ReplyDeleteधुल (झूट) का है गुबार भी इस पर ,
नजर दूर तक तो जाती है मेरी ,
मगर तस्वीर "पहचान" की ,
एक भी नही मिलती !
बहुत खूब...सुन्दर भावपूर्ण रचना..
भीड़ में सन्नाटा सा पसरा है ,
ReplyDeleteधुल (झूट) का है गुबार भी इस पर ,
नजर दूर तक तो जाती है मेरी ,
मगर तस्वीर "पहचान" की ,
एक भी नही मिलती !
सुन्दर अभिव्यक्ति् सुन्दर भाव…..….धन्यवाद
सुंदर
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना
shukriya yashwant ji .....
ReplyDeleteaapka bhi bht bht dhnywad kailash ji
thanks a lot Maheshwari kaneri ji or
ReplyDeleteAtul ji..
आपकी इस पोस्ट का लिंक यहाँ भी है
ReplyDeleteसादर
छु जो जाती हूँ दरिया ,
ReplyDeleteतो हाथ मेरा ही जलता है ,
खूबसूरत रचना !
भीड़ में सन्नाटा सा पसरा है ,
ReplyDeleteधुल (झूट) का है गुबार भी इस पर ,
नजर दूर तक तो जाती है मेरी ,
मगर तस्वीर "पहचान" की ,
एक भी नही मिलती !
वो जो कहते हैं मुझे ...
बहुत ही अच्छा लिखा है....
आभार.....
नजर दूर तक तो जाती है मेरी ,
ReplyDeleteमगर तस्वीर "पहचान" की ,
एक भी नही मिलती !
बहुत खूब.......सुन्दर भावपूर्ण रचना..
कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
ReplyDeletelovely !!!
ReplyDeleteeach word... beautiful