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Oct 24, 2010

*...Unspoken Love....*


कितना मजबूर होगा वो दिल उस रात ,
जब उसके फ़रिश्ते ने साथ उसका छोड़ा होगा ..?

कितना तडपा होगा कभी , कभी कितना रोया होगा ..?

कितनी ही बार वो जुड़ कर बिखरा होगा ...?
ना जाने कितनी बार उसे याद फ़रिश्ते की आयी होगी

कितनी ही बार उसे ख़ामोशी मे पुकारा होगा ...
धीरे धीरे सिसकी थमी होगी , और जाने ...

कितनी ही बार खुद को कोसा होगा ..
सोचा होगा क्यों चाहा उसको मैंने टूट कर इतना ....?




इन अधूरे से सवालो का जवाब कैसा रहा होगा

उसे अपनी तकलीफ ,बेचैनी ,तन्हाई 
बताने को कितना तडपा होगा 
इतना मजबूर कोई उस रात ज़माने मे कहाँ होगा ?

कितना मजबूर होगा वो दिल उस रात 
जब उसके फ़रिश्ते ने साथ उसका छोड़ा होगा ......!



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