जब अकेले में बीती बातें याद आएँगी
रखना वो कंधे पर हाथ को तेरा, याद फिर आएगा
तब ख़त तुमको इक मैं भेजूंगा
सुनो-ऐ-दोस्त मेरा ख़त मिले, तो तुम लौट आना
घबराओं जब ऊँची-बंद दीवारों में , और
खिड़की दिल की खुल जाती हो
तब याद पुरानी तुम्हे मैं भेजूंगा
सुनो-ऐ-दोस्त मेरी याद मिले, तो तुम लौट आना
धुल भरी किताबों में , जब हाथ मेरा पड़ जायेगा
नाम पुराने देखूंगा,और याद में फिर खो जाऊंगा
तब कुछ नाम तुम्हे मैं भेजूंगा
सुनो-ऐ-दोस्त मेरा नाम मिले ,तो तुम लौट आना
ढलते सूरज की परछाई में , याद शाम की महफ़िल आएँगी
सब गीत पुराने गाऊंगा , और तनहा जश्न मानूँगा
तब तनहा सा जीवन तुमको मैं भेजूंगा
सुनो-ऐ-दोस्त मेरा जीवन मिले ,तो तुम लौट आना
BY: Anjali Maahil
sundar rachna...
ReplyDelete