हम हर दर्द को आखोँ में छुपा लेंगे ,
पूछोगे जब हाल-ए-दिल हमारा ,
हंसी में कभी तुम को सुना देंगे |
ये सच है, नही लौट कर आता है ,
गुजरता पल हमदम ,
मगर जब भी पलटोगे पन्ने जिन्दगी के ,
हर किस्सा हम तुमको सुना देंगे |
बहुत वक़्त खुद को जानने में ,
यूँ तो लगाया हमने ,
मगर अब जो पूछोगे परिचय हमारा
हम खुदी से रु-ब-रु तुमको करा देंगे |
आज वक़्त ने तो हमे तनहा किया,
जिस वक़्त ने ही कभी मिलवाया था ,
इस बदलते वक़्त में ,
तुम जो पूछोगे कभी मेरे हमसफ़र का नाम ,
"तुम ही को" हम जिन्दगी अपनी बता देंगे |
BY: Anjali Maahil
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