सर्वाधिकार सुरक्षित : - यहाँ प्रकाशित कवितायेँ और टिप्पणियाँ बिना लेखक की पूर्व अनुमति के कहीं भी प्रकाशित करना पूर्णतया अवैध है.

Followers of Pahchan

Feb 25, 2011

परिचय

हम हर दर्द को आखोँ में छुपा  लेंगे ,
पूछोगे जब हाल-ए-दिल हमारा ,
हंसी में कभी तुम को सुना देंगे |


ये सच है, नही लौट कर आता है ,
गुजरता पल हमदम ,
मगर जब भी पलटोगे पन्ने जिन्दगी के ,
हर किस्सा हम तुमको सुना देंगे |


बहुत वक़्त खुद को जानने में ,
यूँ तो लगाया हमने ,
मगर अब जो पूछोगे परिचय हमारा 
हम खुदी से रु-ब-रु तुमको करा देंगे |


आज वक़्त ने तो हमे तनहा किया,
जिस वक़्त ने ही  कभी मिलवाया था , 
इस बदलते वक़्त में ,
तुम जो पूछोगे कभी मेरे हमसफ़र का नाम ,
  "तुम ही  को"   हम जिन्दगी अपनी बता देंगे |

BY: Anjali Maahil

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...