बहुत वक़्त गुजर गया ,
और जाने कितने ही पहर अभी बाकी हैं ?
अब धीरे -धीरे मिटने लगे हैं ,
रेत पर तेरे निशान भी ,
बहुत वक़्त गुजर गया है ,
तुम्हे यहाँ आये हुए ,
सोचती हूँ अब ,
एक तस्वीर लाजमी सी है ...!
नए -पुराने चेहरे , आज-कल
आये गये हैं , बहुत मेरे सामने ,
और जाने कितने ही चेहरे आने अभी बाकी हैं ?
धीरे -धीरे मिटने लगे हैं ,
तेरे अक्स के निशान भी ,
बहुत वक़्त गुजर गया है ,
तुम्हे यहाँ आये हुए ,
सोचती हूँ अब ,
एक तस्वीर लाजमी सी है ..!
BY: Anjali Maahil
"धीरे -धीरे मिटने लगे हैं ,
ReplyDeleteतेरे अक्स के निशान भी ,
बहुत वक़्त गुजर गया है ,
तुम्हे यहाँ आये हुए ,..."
बहुत दर्द समेट लिया है आपने इस कविता में.
सादर
"नाम गुम जाएगा चेहरा ये बदल जाएगा."
ReplyDeleteइस बहुत ही अच्छे ट्रैक को बैकग्राउंड में सुनकर अच्छा लगा.
सादर
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण..
ReplyDeleteगुजरते वक़्त के साथ बहुत कुछ बदलने लगता है..... उत्कृष्ट रचना
ReplyDeletenice written :)
ReplyDeleteआप सभी का बुहुत-बुहुत शुक्रिया (यशवंत जी, डॉ॰ मोनिका शर्मा , कैलाश जी ऑर मृत्युंजय)thanks a lot
ReplyDeleteखूबसूरती से आपने दर्द का बयां किया है.
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