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May 4, 2011

एक तस्वीर लाजमी सी है !

बहुत  वक़्त गुजर गया ,
और जाने कितने ही पहर अभी  बाकी हैं ?
अब धीरे -धीरे  मिटने  लगे  हैं ,
रेत  पर  तेरे  निशान  भी  ,
बहुत  वक़्त गुजर गया है   ,
तुम्हे  यहाँ  आये  हुए   ,
सोचती हूँ अब ,
एक तस्वीर लाजमी सी  है ...!

नए  -पुराने  चेहरे , आज-कल 
आये गये हैं , बहुत मेरे  सामने , 
और जाने कितने ही चेहरे आने  अभी  बाकी हैं ?
धीरे -धीरे मिटने लगे हैं ,
तेरे अक्स  के निशान भी ,
बहुत वक़्त गुजर गया है  ,
तुम्हे   यहाँ आये  हुए   ,
सोचती  हूँ अब ,
एक  तस्वीर लाजमी सी  है  ..!





BY: Anjali Maahil

7 comments:

  1. "धीरे -धीरे मिटने लगे हैं ,
    तेरे अक्स के निशान भी ,
    बहुत वक़्त गुजर गया है ,
    तुम्हे यहाँ आये हुए ,..."

    बहुत दर्द समेट लिया है आपने इस कविता में.

    सादर

    ReplyDelete
  2. "नाम गुम जाएगा चेहरा ये बदल जाएगा."

    इस बहुत ही अच्छे ट्रैक को बैकग्राउंड में सुनकर अच्छा लगा.

    सादर

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण..

    ReplyDelete
  4. गुजरते वक़्त के साथ बहुत कुछ बदलने लगता है..... उत्कृष्ट रचना

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  5. आप सभी का बुहुत-बुहुत शुक्रिया (यशवंत जी, डॉ॰ मोनिका शर्मा , कैलाश जी ऑर मृत्युंजय)thanks a lot

    ReplyDelete
  6. खूबसूरती से आपने दर्द का बयां किया है.

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