कल पूरे दिन में घर में कैद रहकर ,खिड़की से झांकते हुए
मैं बार बार यही सोचती रही की -
मैं बार बार यही सोचती रही की -
अजनबी सी दुनिया में अनजाने चेहरों के बीच
कोई अचानक इतना अपना सा क्यूँ बन जाता है...?
ऐसा क्या छुपा होता है ,ओरों से अलग .....उसमे ?
ये बार बार सोचने की वजह भी बड़ी अजीब थी !
मेरे एक पुराने मित्र ने मुझसे ये प्रश्न पूछा था ,
कि -
" ऐसा क्या था उसमे (उनका प्यार)
कि इतना लम्बा वक़्त गुजर जाने
पर भी मैं उसे भूल नही पाया ..?
उसकी तस्वीर भेजूंगा ..... तुम मुझे बताना !"
मगर मैंने बहाने से उन्ही को जवाब ढूंढ़ने के लिए कह दिया !
और रात भर इसी विषय पर सोचती रही ...
"क्यूँ और किस तरहा ? "
और इतना ही लिख सकी-
और रात भर इसी विषय पर सोचती रही ...
"क्यूँ और किस तरहा ? "
और इतना ही लिख सकी-
"तूफान के बाद यूँ तो बस तो गया मेरा शहर ,
नए वजूद के साथ , नए होंसलों के साथ ,
मगर उठती हैं हुंक , दिल में अतीत की ,
तूफान के बाद ......
ये कब्रिस्तान के ऊपर का नया मकां मेरा ,
दीवारें सुर्ख रंग बिखेरे हैं ,तो ,
जमीं भी कुछ दफ़न किये बैठी है ...!"
नए वजूद के साथ , नए होंसलों के साथ ,
मगर उठती हैं हुंक , दिल में अतीत की ,
तूफान के बाद ......
ये कब्रिस्तान के ऊपर का नया मकां मेरा ,
दीवारें सुर्ख रंग बिखेरे हैं ,तो ,
जमीं भी कुछ दफ़न किये बैठी है ...!"
-anjali maahil
bhaut hi sundar rachna...
ReplyDelete"तूफान के बाद यूँ तो बस तो गया मेरा शहर ,
ReplyDeleteनए वजूद के साथ , नए होंसलों के साथ ,
मगर उठती हैं हुंक , दिल में अतीत की ,
तूफान के बाद ......
ये कब्रिस्तान के ऊपर का नया मकां मेरा ,
दीवारें सुर्ख रंग बिखेरे हैं ,तो ,
जमीं भी कुछ दफ़न किये बैठी है ...!"
सुभानाल्लाह......दिल को छू गए ये अशआर......बहुत ही खूबसूरत|
ये कब्रिस्तान के ऊपर का नया मकां मेरा ,
ReplyDeleteदीवारें सुर्ख रंग बिखेरे हैं ,तो ,
जमीं भी कुछ दफ़न किये बैठी है ...!"
जबर्दस्त!
सादर
गज़ब का लिखा है…………दिल् मे उतर गया।
ReplyDelete"तूफान के बाद यूँ तो बस तो गया मेरा शहर ,
नए वजूद के साथ , नए होंसलों के साथ ,
मगर उठती हैं हुंक , दिल में अतीत की ,
तूफान के बाद ......
ये कब्रिस्तान के ऊपर का नया मकां मेरा ,
दीवारें सुर्ख रंग बिखेरे हैं ,तो ,
जमीं भी कुछ दफ़न किये बैठी है ...!"
निशब्द हूँ यहाँ।
बहुत सुन्दर शब्दो से भावो को उकेरा है..मन को छू गया...
ReplyDeletebahut khoob....
ReplyDeletebahut hi sunder bhav hai
ReplyDeleteबहुत खूब ... मन के अन्दर बहुत कुछ दफ़न होता है
ReplyDeleteअच्छी रचना...
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