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Jul 5, 2011

आइना-ये कहता है !

आइना देखूं तो ,
आइना अक्सर  मुझसे ये कहता है !
बता कौन है वो शख्स  , 
जो तेरे अन्दर ,
तुझ से  सच कहता है ?

इस ठहरे हुए पानी में ,
अक्स देख तो अपना ,
बता कौन है  वो शख्स ,
जो तेरी रूह में तेरे संग रहता है  ?

हो जाती कभी सुबह ,
कभी छा जाती चांदनी ,
बता कौन है वो शख्स ,
जो दर्द बन तुझमे हर वक़्त रहता है ?


झांक खुद में  तू .... और  तलाश कर अपनी 
बता कौन है वो  शख्स ,
जो जहान में खुदी से  जुदा रहता  है  ?
आइना देखूं तो, आइना  .....ये कहता है . 



सच क्यूँ नही कहती , स्वयं से ?
वही सच जो ओरों से  छुपा है !
 " मैं कमजोर नही ...! "
आइना देखूं तो , 
आइना अक्सर मुझसे ये कहता है ...!






BY: ANJALI MAAHIL

18 comments:

  1. सच क्यूँ नही कहती , स्वयं से ?
    वही सच जो ओरों से छुपा है !
    " मैं कमजोर नही ...! "
    आइना देखूं तो ,
    आइना अक्सर मुझसे ये कहता है ...!

    अपने आप में बहुत कुछ कह देती यह पंक्तियाँ.
    बेहतरीन.

    --------------------------
    कल 06/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी-पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. सच क्यूँ नही कहती , स्वयं से ?
    वही सच जो ओरों से छुपा है !
    " मैं कमजोर नही ...! "
    आइना देखूं तो ,
    आइना अक्सर मुझसे ये कहता है ...!

    अपने आप में बहुत कुछ कह देती यह पंक्तियाँ.
    बेहतरीन.

    --------------------------
    कल 06/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी-पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  3. सच क्यूँ नही कहती , स्वयं से ?
    वही सच जो ओरों से छुपा है !
    " मैं कमजोर नही ...! "
    आइना देखूं तो ,
    आइना अक्सर मुझसे ये कहता है ...!


    दर्पण झूठ न बोले...बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति..

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  4. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...आईना सच कहता है ...

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  5. झांक खुद में तू .... और तलाश कर अपनी
    बता कौन है वो शख्स ,
    जो जहान में खुदी से जुदा रहता है ?
    आइना देखूं तो, आइना .....ये कहता है .
    ....bahut hi badhiyaa

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  6. सच क्यूँ नही कहती , स्वयं से ?
    वही सच जो ओरों से छुपा है !
    " मैं कमजोर नही ...! "
    आइना देखूं तो ,
    आइना अक्सर मुझसे ये कहता है ...!
    बहुत अच्छे भाव हैं.

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  7. वो आपके अन्दर बसा चैतन्य है.....बस उसी को साक्षी मान कर चलना है ....तभी वो डगर मिलेगी........बहुत ही खूबसूरत अहसास हैं |

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  8. such me aaina kabhi huth nhi bolta hai... behtreen rachna...

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  9. सच क्यूँ नही कहती , स्वयं से ?
    वही सच जो ओरों से छुपा है !
    " मैं कमजोर नही ...! "
    आइना देखूं तो ,
    आइना अक्सर मुझसे ये कहता है ...!

    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...आईना सच कहता है ...

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  10. अपने आप को अपने सच को पहचानना आसान नही होता ... कभी कभी तो दुष्कर भी होता है ...

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  11. आयिना सच का प्रतीक है,,...इस से कब कुछ छुपा है.
    सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  12. हो जाती कभी सुबह ,
    कभी छा जाती चांदनी ,
    बता कौन है वो शख्स ,
    जो दर्द बन तुझमे हर वक़्त रहता है ?
    kyaa baat haae ...

    ReplyDelete
  13. बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.

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  14. दर्पण झूठ ना बोले, सुंदर अभिव्यक्ति बधाई

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  15. सुंदर रचना।
    गहरे भाव।

    शब्‍द विन्‍यास प्रभावी।
    शुभकामनाएं आपको।

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  16. I KNOW YOU THROUGH THIS POST. SUPERB POETRY. WHO CAN NOT SEE THE MIRROR AND HOW SHOULD PEEP INTO THE MIRROR? ALL KIND OF ANSWERS ARE EXIST IN YOUR POETRY.

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  17. आइना में अक्श ..उम्दा रचना ..बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .. टचिंग

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  18. आप सभी कि शुभकामनाओं और प्रतिक्रियाओं के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !!!!

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