मैं ममता ...जिसे आप सभी अंजलि माहिल के नाम से जानते हैं .....
ये नाम मुझे बेहद पसंद है, इसलिए इस नाम से लिखना शुरू किया ,,,,वैसे भी मैं मानती हूँ कि जिंदगी में "इंसान कौन ? से ज्यादा "इंसान कया है !" मायने रखता है !
जीवन में दो से चार शब्द कब चार से आठ पंक्तियों की कविता बन गए , पता ही नही चला !
कभी सोचा भी नही था , कि - लेखन भी कभी मेरे परिचय में शामिल होगा !
स्कूल की कापी - किताबों के पीछे अपनी लिखी हुई या
किसी और की लिखी कुछ पसंदीदा पंक्तियाँ लिखना ही काम था मेरा |
पहली कविता याद करने पर भी याद नही आती | हालाँकि अपनी शुरूआती कविताओं में से एक कविता यहाँ प्रकाशित कर चुकी हूँ- "तुम्ही से हम " नाम से |
स्नातक की शिक्षा के दौरान मैंने एक कविता और लिखी थी , किसी व्यक्ति विशेष के लिए -विजय कुमार बिधूड़ी .... जो आज एक प्रशासनिक आधिकारी हैं ! मेरे परिवार साथ ही उनके परिवार को भी बहुत अच्छी लगी थी वो कविता , जल्द ही उसे भी "भेंट" नाम से यहाँ प्रकाशित करुँगी |
लिखना शुरू करने के पीछे बहुत वजह हैं , मगर अच्छा लिखने के लिए दो ही वजह हैं मेरे पास ...
एक मेरे मित्र जो खुद बहुत अच्छा लिखते हैं वो ..,
और दूसरे मेरे वो मित्र जो खुद अच्छा लिखने के साथ साथ मुझे हतोत्साहित करते रहे ......!
जब पहली बार फेसबुक पर अपनी कवितायेँ पेश कि तो काफी प्रशंसा मिली , अच्छा लगा !
मगर फिर सोचा , कि कहीं अपनी सभी कविताओं को सहेज कर रख दूँ , डायरी के पन्ने कब तक साथ देंगे .....कभी तो भरेंगे ही ......!
" कभी ना असफल लिखा , ना कामयाब लिखा ,
पन्ना हूँ जो मैं एक किताब का ,
बस , उस पन्ने का एक भाग लिखा ......."
आप सभी के साथ और शुभकामनाओं के लिए .....बहुत बहुत धन्यवाद !
ये नाम मुझे बेहद पसंद है, इसलिए इस नाम से लिखना शुरू किया ,,,,वैसे भी मैं मानती हूँ कि जिंदगी में "इंसान कौन ? से ज्यादा "इंसान कया है !" मायने रखता है !
जीवन में दो से चार शब्द कब चार से आठ पंक्तियों की कविता बन गए , पता ही नही चला !
कभी सोचा भी नही था , कि - लेखन भी कभी मेरे परिचय में शामिल होगा !
स्कूल की कापी - किताबों के पीछे अपनी लिखी हुई या
किसी और की लिखी कुछ पसंदीदा पंक्तियाँ लिखना ही काम था मेरा |
पहली कविता याद करने पर भी याद नही आती | हालाँकि अपनी शुरूआती कविताओं में से एक कविता यहाँ प्रकाशित कर चुकी हूँ- "तुम्ही से हम " नाम से |
स्नातक की शिक्षा के दौरान मैंने एक कविता और लिखी थी , किसी व्यक्ति विशेष के लिए -विजय कुमार बिधूड़ी .... जो आज एक प्रशासनिक आधिकारी हैं ! मेरे परिवार साथ ही उनके परिवार को भी बहुत अच्छी लगी थी वो कविता , जल्द ही उसे भी "भेंट" नाम से यहाँ प्रकाशित करुँगी |
लिखना शुरू करने के पीछे बहुत वजह हैं , मगर अच्छा लिखने के लिए दो ही वजह हैं मेरे पास ...
एक मेरे मित्र जो खुद बहुत अच्छा लिखते हैं वो ..,
और दूसरे मेरे वो मित्र जो खुद अच्छा लिखने के साथ साथ मुझे हतोत्साहित करते रहे ......!
जब पहली बार फेसबुक पर अपनी कवितायेँ पेश कि तो काफी प्रशंसा मिली , अच्छा लगा !
मगर फिर सोचा , कि कहीं अपनी सभी कविताओं को सहेज कर रख दूँ , डायरी के पन्ने कब तक साथ देंगे .....कभी तो भरेंगे ही ......!
तो मिला सहारा ब्लॉग का .....यहाँ आई तो कुछ दिनों तक कुछ समझ नही आया , धीरे -धीरे देख-देख कर हमने भी अपने हाथ खोलने शुरू कर दिए , यहाँ सबसे पहली मुलाकात मेरी जिस ब्लॉग से हुई ...वो था पाठशाला ..... मेरे बेहद करीबी मित्र का ब्लॉग ..... फिर यशवंत माथुर जी का : "जो मेरा मन कहे"...और कारवां बढ़ता गया , कभी सोचा भी नही था कि मेरी कवितायेँ भी पसंद की जाएँगी यहाँ ...... लगता था ज्यादा दिन नही रह पाऊँगी यहाँ मगर आज ..........65 लोग साथ चल रहे हैं ... साथ दे रहे हैं !
" कभी ना असफल लिखा , ना कामयाब लिखा ,
पन्ना हूँ जो मैं एक किताब का ,
बस , उस पन्ने का एक भाग लिखा ......."
आप सभी के साथ और शुभकामनाओं के लिए .....बहुत बहुत धन्यवाद !
-अंजलि माहिल
आज 65 हैं एक वो भी दिन आएगा जब 6500 से ज़्यादा होंगे। आप बहुत अच्छा लिखती हैं और ऐसे ही लिखती रहिए।
ReplyDeleteजन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ। आपके जीवन का यह नया वर्ष अनेकों खुशियाँ लेकर आए यही शुभ कामना है।
सादर
HAPPY BIRTHDAY ji,You are a superb poet n your poetry always mesmerizing me and i'm so thankful...
ReplyDeletethat i'm able to know this
amazing phenomenal beautiful person.
or aapki muskurahatein hi aapki PAHCHAN hai...
अंजलि जी आप बहुत सुन्दर लिखती हैं और मन के भावो को हमेशा व्यक्त करती रहें बिना सोचे कोई क्या कहता है । आपका सफ़र आगे बढता रहे यही कामना है।
ReplyDeleteबहुत गहरे भाव |बधाई |
ReplyDeleteआशा
janmadin ki dher sari shubhkamnaye.
ReplyDeletesafar zari rakhen...
आपकी पोस्ट की हलचल आज यहाँ भी है
ReplyDeleteपरिचय से परिचय हुआ ... एक दिन देर से ही सही ...पर जन्मदिन कि बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteआपकी ये बात हमें बहुत पसंद आई .......वैसे भी मैं मानती हूँ कि जिंदगी में "इंसान कौन ? से ज्यादा "इंसान कया है !" मायने रखता है !
ReplyDeleteबहुत अच्छा ऐसे ही आगे बढती रहो बहुत बहुत शुभकामनायें |
अच्छा लगा आपके बारे में जानकार......ऐसे ही लिखती रहें|
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएँ..........
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